पर्बतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है सुरमई उजाला है चम्पई अंधेरा है - राजेश सिंह Swara Sudha Sansthan • 28K views
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है - राजेश सिंह Swara Sudha Sansthan • 86K views
सारी हैरत है मिरी सारी अदा उस की है बे-गुनाही है मिरी और सज़ा उस की है - राजेश सिंह Swara Sudha Sansthan • 3.5K views
ज़िंदगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मक़ाम, वो फिर नहीं आते - राजेश सिंह Swara Sudha Sansthan • 463K views